वनविभाग के कर्मचारियों ने शुरू किया बेमियादी कामबंद आंदोलन





गड़चिरोली : आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को सरकार ने एकस्तरीय पदोन्नति का लाभ लागू किया है। लेकिन जिले के वनविभाग में कार्यरत वनरक्षक और वनपाल संवर्ग के कर्मचारियों को इस लाभ से वंचित रखा जा रहा है। इन कर्मचारियों को एकस्तरीय पदोन्नति का लाभ दिलाने के लिए वनरक्षक व पदोन्नत वनपाल संगठन की ओर से सोमवार, 17 फरवरी से बेमियादी कामबंद आंदोलन शुरू किया गया है। कर्मचारियों ने यह आंदोलन गड़चिरोली के उपवनसंरक्षक कार्यालय के समक्ष शुरू किया है। इस आंदोलन में विभाग के सभी वनरक्षक और वनपाल संवर्ग के कर्मचारियों द्वारा एकसाथ हिस्सा लेने से अब वनविभाग का कामकाज ठप पड़ने की संभावना भी व्यक्त की जा रहीं है। 

अपने ज्ञापन में संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि, जिले के जिला परिषद, कृषि, निर्माणकार्य, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को एकस्तरीय पदोन्नति का लाभ लागू किया गया है। लेकिन वनविभाग में कार्यरत कर्मचारियों को इस लाभ से वंचित रखा जा रहा है। यह लाभ प्रदान करने के लिए संगठन द्वारा अब तक अनेक बार आंदोलन कर वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गये है। लेकिन अधिकारियों द्वारा किसी तरह का ध्यान नहीं दिये जाने से वनरक्षक संवर्ग के कर्मचारियों को वनपाल पद पर पदोन्नति नहीं मिल रहीं है। जिससे इन कर्मचारियों में असंतोष व्यक्त होने लगा है। इसी अन्याय के खिलाफ संगठन की ओर से सोमवार से बेमियादी कामबंद आंदोलन शुरू किया गया है। आंदोलन में सभी वनरक्षक व वनपाल संवर्ग के कर्मचारियों द्वारा एकसाथ हिस्सा लेने से पहले दिन से ही वनविभाग का कामकाज ठप पड़ने लगा है। आंदोलन में संगठन के अध्यक्ष अनंत ठाकरे, सचिव गुरूनाथ वाढई, कार्याध्यक्ष राजेंद्र कोडापे, विजय घोडवे समेत अन्य कर्मचारियों ने िहस्सा लिया है।

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